पूर्ण आंतरिक परावर्तन क्या है? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ऐसा की घटना, जिसमें कि जब प्रकाश किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है, तो वह अपने पथ से विचलित हो जाती है।
→ जब प्रकाश की किरण किसी सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती है, तो आपतित किरण लम्ब से अधिक कोण पर जाती है। यदि आपतन कोण को बढ़ाते जाते हैं, तो एक निश्चित आपतन कोण पर आपतित किरण का अपवर्तित किरण माध्यम की सतह के समानान्तर हो जाती है। इस कोण को क्रांतिक कोण कहते हैं।
→ आपतन कोण को क्रांतिक कोण से अधिक बढ़ाने पर, अपवर्तित किरण साधारण माध्यम में न जाकर, सघन माध्यम में ही लौट जाती है। इस प्रकार की घटना को पूर्ण आंतरिक परावर्तन (T.I.R) कहते हैं।

T.I.R होने की शर्तें:
(i) पूर्ण आंतरिक परावर्तन होने के लिए एक प्रकाश की किरण को सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाना चाहिए।
(ii) आपतन कोण का मान क्रन्तिक कोण से बड़ा होना चाहिये
